घोषित संघर्षविराम के बीच सीमा पर फिर तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में घोषित India-Pakistan Ceasefire को लेकर एक बार फिर सीमाओं पर हलचल देखी गई। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और अन्य हिस्सों में धमाकों की आवाज़ें सुनने की खबरें सामने आईं। साथ ही गुजरात के कच्छ, पंजाब और राजस्थान जैसे सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन गतिविधियां देखी गईं। इन घटनाओं के सामने आने के बाद एक बार फिर यह सवाल उठने लगा कि क्या पाकिस्तान संघर्षविराम का पालन कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार शाम को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “यह कोई संघर्षविराम नहीं है। एयर डिफेंस यूनिट्स ने श्रीनगर के बीचों-बीच फायरिंग की है।” उनकी इस टिप्पणी के बाद क्षेत्र में चिंता की लहर दौड़ गई और लोग असमंजस में आ गए।
केंद्र सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट
इन खबरों के बाद भारत सरकार ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और स्थिति को स्पष्ट किया। रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि “श्रीनगर में कोई धमाका नहीं हुआ है और नियंत्रण रेखा पर कोई गोलाबारी नहीं हो रही है। वायु रक्षा इकाइयों की हलचल नियमित निगरानी अभ्यास का हिस्सा थी।” सरकार ने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों से दूर रहें और केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।
गृह मंत्रालय ने यह भी बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में देखे गए ड्रोन भारतीय वायु सुरक्षा प्रणाली द्वारा पहचाने गए थे और इनसे कोई नुकसान नहीं हुआ है। India-Pakistan Ceasefire अब भी लागू है और भारत पूरी तरह सजग एवं सतर्क है।
संघर्षविराम का ऐलान: शांति की दिशा में पहल
भारत और पाकिस्तान के बीच यह India-Pakistan Ceasefire अमेरिका की मध्यस्थता के बाद तय हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार शाम को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इसकी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने 5:00 बजे से जमीनी, हवाई और समुद्री कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने भारतीय DGMO को कॉल कर प्रस्ताव दिया, जिसे भारत ने मानवीय दृष्टिकोण से स्वीकार कर लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी संघर्षविराम पर सहमति को भारत की गंभीरता और जिम्मेदारी का प्रतीक बताया।
संघर्षविराम का आशय क्या होता है
सामान्य भाषा में India-Pakistan Ceasefire का अर्थ है कि दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई को रोका जाए। इसमें सीमा पर गोलीबारी, हवाई हमले, मिसाइल परीक्षण या किसी भी सैन्य रूप से उकसावे वाली कार्रवाई शामिल होती है। संघर्षविराम का उद्देश्य शांति बहाल करना, जनहानि रोकना और राजनयिक संवाद को मौका देना होता है।
भारत ने हमेशा संघर्षविराम की शर्तों का सम्मान किया है। लेकिन पाकिस्तान की ओर से पहले भी संघर्षविराम के उल्लंघन के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में भारत हर बार यही संदेश देता रहा है कि वह शांति का पक्षधर है लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
ड्रोन गतिविधियां और ब्लैकआउट की स्थिति
केंद्र सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि गुजरात के कच्छ जिले में जो ड्रोन देखे गए थे, वे सीमावर्ती क्षेत्रों में सामान्य निगरानी के अंतर्गत थे। हालांकि, राज्य सरकारों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में अस्थायी ब्लैकआउट लागू किया गया है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारत सरकार ने यह साफ किया है कि इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और India-Pakistan Ceasefire की मर्यादा बनाए रखना है।
भारत की नीति: संयम और सजगता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भाग लिया। बैठक में भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम की स्थिति की समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया कि भारत अपनी सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगा, लेकिन हालात को और न बिगाड़ने के लिए संयम बरतेगा।
रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि भारत हर मोर्चे पर सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। वायुसेना और थलसेना को सीमाओं पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
संचार माध्यमों के लिए दिशा-निर्देश
गृह मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को निर्देश दिया है कि वे अपने कार्यक्रमों में “एयर रेड सायरन” जैसे साउंड इफेक्ट का प्रयोग न करें, जब तक कि वह किसी जागरूकता अभियान का हिस्सा न हो। इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक WhatsApp चैनल लॉन्च किया है जहां से लोग विश्वसनीय जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सरकार ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।
निष्कर्ष: संघर्षविराम का पालन और जनता का विश्वास आवश्यक
India-Pakistan Ceasefire एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति बहाल करना है। भारत की ओर से संयम, सजगता और संप्रभुता की रक्षा के साथ शांति की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा सकता है। हालांकि सीमावर्ती घटनाएं चिंताजनक हो सकती हैं, लेकिन केंद्र सरकार की स्थिति स्पष्ट है: संघर्षविराम लागू है और भारत किसी भी उकसावे का जवाब शांतिपूर्वक और उचित ढंग से देगा।
जनता की भूमिका भी इस संघर्षविराम को सफल बनाने में अहम है। शांति की बहाली तभी संभव है जब हम सब मिलकर अफवाहों से दूर रहें, संयम बनाए रखें और सरकार के निर्देशों का पालन करें।