
हर साल मई के दूसरे रविवार को पूरी दुनिया ‘Mother’s Day’ के रूप में माँ की ममता, त्याग और निस्वार्थ प्रेम को समर्पित करती है। आज 11 मई 2025 है और इस साल का मदर्स डे आज ही मनाया जा रहा है। यह दिन एक ऐसा अवसर है जब हम अपनी माँ को धन्यवाद देने, उनके योगदान को सराहने और उन्हें अपने प्यार से खुश करने का प्रयास करते हैं। इस लेख में हम मदर्स डे के इतिहास, इसके महत्व, सांस्कृतिक संदर्भ, और आज के दिन को खास बनाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
मदर्स डे का इतिहास: कैसे हुई शुरुआत?
‘Mother’s Day’ की शुरुआत अमेरिका की एक महिला एना जार्विस ने की थी। उनकी माँ एन रीव्स जार्विस अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान एक समाजसेविका थीं। उन्होंने ‘मदर्स डे वर्क क्लब्स’ के जरिए घायल सैनिकों की सेवा की। जब 1905 में उनकी माँ का निधन हुआ, तो एना ने उनकी याद में एक दिन को मातृत्व के लिए समर्पित करने की पहल की। 1908 में पहली बार मदर्स डे मनाया गया। एना की कोशिशों के चलते 1914 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को राष्ट्रीय ‘Mother’s Day’ घोषित किया।
यह परंपरा धीरे-धीरे दुनिया के अन्य देशों में भी फैल गई, और आज भारत सहित अनेक देश इस दिन को उत्सव के रूप में मनाते हैं।
भारत में मदर्स डे का महत्व
भारत में माँ को आदिकाल से सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। हमारे वेदों और उपनिषदों में माँ को “मातृ देवो भव” कहकर पूज्य बताया गया है। रामायण में माता कौशल्या, महाभारत में कुंती और गंधारी जैसी माताओं के चरित्र हमें बतलाते हैं कि माँ केवल जन्म नहीं देती, बल्कि संस्कार, मूल्य और मार्गदर्शन भी देती है।
आधुनिक भारत में मदर्स डे पश्चिमी सभ्यता से आया एक पर्व है, लेकिन इसका भाव भारतीय संस्कृति से पूर्णतः मेल खाता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ को उपहार देते हैं, उन्हें दिनभर विश्राम देते हैं, उनके लिए खास पकवान बनाते हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर अपने प्यार का इज़हार करते हैं।

मदर्स डे 2025 कब है?
मई महीने के दूसरे रविवार को हर साल मदर्स डे मनाया जाता है। साल 2025 में यह दिन आज, 11 मई 2025 को पड़ रहा है। आज का दिन माँ के प्रति अपना प्रेम और सम्मान प्रकट करने का सर्वोत्तम अवसर है।
मदर्स डे का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
समाज में माँ की भूमिका केवल एक परिवार तक सीमित नहीं है। वह एक निर्माता है, एक शिक्षिका है, एक मार्गदर्शक है। समाज की नींव उस माँ से शुरू होती है जो अपने बच्चों को अच्छा नागरिक बनाती है। मदर्स डे हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने व्यस्त जीवन में से थोड़ा समय माँ के लिए भी निकालना चाहिए।
माँ के साथ एक छोटी-सी बातचीत, उनके साथ बैठकर पुरानी यादों को ताजा करना, उनके द्वारा किए गए बलिदानों को याद करना — ये सभी बातें उन्हें सबसे अधिक खुशी देती हैं।
आज मदर्स डे 2025 को कैसे बनाएं खास?
क्योंकि आज 11 मई 2025 है और मदर्स डे का दिन है, तो इसे यादगार बनाने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली कदम उठा सकते हैं:
- सुबह एक प्यारा संदेश दें: उठते ही माँ को एक दिल छूने वाला शुभकामना संदेश दें।
- नाश्ता बनाएं: माँ के लिए उनके पसंदीदा नाश्ते को खुद बनाएं और उन्हें दिन की शुरुआत में विशेष महसूस कराएं। Watch this YouTube Short https://youtube.com/shorts/FqE-c5GQOCw?si=-ESjkXvvBcY_96iu
- उनके साथ समय बिताएं: मोबाइल और टीवी से दूर रहकर उनके साथ बातें करें, हँसें और पुरानी यादें ताज़ा करें।
- उपहार दें: यह जरूरी नहीं कि महंगा हो, लेकिन दिल से दिया गया कोई छोटा-सा तोहफा उन्हें बहुत खुशी देगा।
- फोटो एलबम बनाएं: उनके जीवन के खास पलों की तस्वीरों से एक डिजिटल या हाथ से बनाया गया एलबम तैयार करें।
- वीडियो संदेश रिकॉर्ड करें: परिवार के सभी सदस्यों से माँ के लिए छोटे वीडियो संदेश रिकॉर्ड कर एक सुंदर वीडियो तैयार करें।
aमदर्स डे और बाज़ार का प्रभाव
आज के समय में मदर्स डे एक भावनात्मक दिन होने के साथ-साथ बाज़ार का भी एक अहम हिस्सा बन चुका है। कंपनियाँ, ब्रांड्स और ऑनलाइन स्टोर्स इस दिन के आस-पास विशेष ऑफर और गिफ्ट आइटम्स लेकर आते हैं। लेकिन इस दिन की सच्ची भावना कोई खरीदी गई चीज़ नहीं, बल्कि वह अपनापन है जिसे आप माँ को महसूस कराते हैं।
माँ: केवल शब्द नहीं, एक संपूर्ण अनुभव
‘माँ’ शब्द छोटा जरूर है, लेकिन इसका अर्थ असीम है। माँ वह है जो बिना थके, बिना रुके, बिना मांगे हमें अपना सब कुछ दे देती है। वह हमारे हर दर्द की दवा है, हर डर की ढाल है। जब तक माँ की गोद है, तब तक जीवन का हर तूफान सहना आसान होता है।
‘Mother’s Day’ इस एहसास का प्रतीक है कि माँ को केवल उस दिन नहीं, हर दिन सराहने की जरूरत है। हमें चाहिए कि हम माँ के किए गए हर बलिदान को याद रखें और उन्हें हर दिन सम्मान दें।

एक प्यारी सी कविता माँ के लिए
माँ तेरी ममता की छाया में,
हर दुःख भी सुख लगता है।
तेरी गोद में जो पल बीते,
वो जीवन भर संबल देता है।
तेरे बिना कुछ अधूरा सा लगता है,
तू ही तो मेरी दुनिया की रौशनी है।
मदर्स डे से जुड़ी एक सीख
आज के डिजिटल युग में जहाँ रिश्तों में दूरी बढ़ रही है, वहाँ मदर्स डे हमें यह सिखाता है कि माँ के साथ वक्त बिताना, उनका आदर करना और उनके जीवन को आसान बनाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपनी अगली पीढ़ी को भी यह सिखाना चाहिए कि माँ केवल एक रिश्ता नहीं, बल्कि सबसे बड़ा वरदान है।
निष्कर्ष
‘Mother’s Day’ 2025 का यह दिन माँ को समर्पित एक यादगार अवसर है। आज के दिन उन्हें सिर्फ उपहार ही नहीं, बल्कि समय, स्नेह और सम्मान दें। याद रखें, माँ के चेहरे की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। आइए इस मदर्स डे को सिर्फ एक दिन का उत्सव न बनाकर, एक जीवनशैली बनाएं — जहाँ माँ हर दिन हमारी प्राथमिकता हो।