विराट कोहली ने BCCI को जताई टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की इच्छा
भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक विराट कोहली ने BCCI को यह सूचित किया है कि वे टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की योजना बना रहे हैं। यह जानकारी उस समय सामने आई है जब भारत जून 20 से शुरू होने वाली इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए तैयारियों में जुटा है। विराट कोहली इस दौरे के लिए संभावित स्क्वाड का हिस्सा माने जा रहे हैं, और टीम प्रबंधन को उम्मीद है कि उनका अनुभव इस चुनौतीपूर्ण सीरीज में अहम भूमिका निभाएगा।
कोहली का सुनहरा टेस्ट सफर – आँकड़े और उपलब्धियाँ
अगर विराट कोहली अपने फैसले पर कायम रहते हैं, तो यह एक शानदार करियर का समापन होगा जो पिछले 14 वर्षों से टेस्ट क्रिकेट की शोभा बढ़ा रहा है। कोहली ने अब तक 123 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 68 मैचों में कप्तानी की है। उन्होंने कुल 9230 रन बनाए हैं, उनका औसत 46.85 रहा है।
बतौर कप्तान, कोहली ने भारत को 40 टेस्ट जीत दिलाईं और सिर्फ 17 में हार झेली। यह आंकड़ा उन्हें भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनाता है। उनके बाद एमएस धोनी (60 टेस्ट में 27 जीत) और सौरव गांगुली (49 टेस्ट में 21 जीत) आते हैं। विश्व स्तर पर भी कोहली चौथे सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं – ग्रेम स्मिथ (53), रिकी पोंटिंग (48), और स्टीव वॉ (41) उनसे ऊपर हैं।
हाल के वर्षों में गिरा प्रदर्शन, फिर भी अनुभव बेहद अहम
हालांकि हाल के वर्षों में विराट कोहली का टेस्ट प्रदर्शन पहले जैसा नहीं रहा। नवंबर 2024 में पर्थ टेस्ट में उन्होंने शतक (100*) जरूर जड़ा, लेकिन उससे पहले उनका पिछला शतक जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ आया था।
2019 में जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पुणे में 254* बनाए थे, तब उनका औसत 55.10 था। पर पिछले 24 महीनों में यह औसत घटकर 32.56 रह गया है।
इन सबके बावजूद, चयनकर्ता और टीम प्रबंधन का मानना है कि इंग्लैंड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में विराट कोहली का अनुभव बेहद मूल्यवान साबित हो सकता है, खासकर जब टीम एक नए कप्तान के नेतृत्व में उतरेगी।
रोहित शर्मा के बाद कप्तानी की कमान शुभमन गिल को?
रोहित शर्मा ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, और अब शुभमन गिल को टेस्ट टीम का अगला कप्तान माना जा रहा है। ऐसे में एक नए कप्तान को मार्गदर्शन देने के लिए विराट कोहली जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी का टीम में होना फायदेमंद रहेगा।
टीम में अब आर. अश्विन, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और मोहम्मद शमी जैसी पुरानी धुरी गायब हो चुकी है। मौजूदा सीनियर्स में सिर्फ विराट कोहली, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे नाम बचे हैं।
इंग्लैंड से कोहली का खास रिश्ता
2018 का इंग्लैंड दौरा विराट कोहली के टेस्ट करियर का अहम मोड़ था। उन्होंने 5 टेस्ट में 583 रन बनाए, औसत 59.30 रहा, और दो शानदार शतक लगाए। ये प्रदर्शन तब आया जब वे 2014 में इंग्लैंड में 10 पारियों में केवल 134 रन बना पाए थे।
2016 से 2018 के बीच कोहली का फॉर्म अपने चरम पर था:
- 2016 में औसत: 75.93
- 2017 में औसत: 75.64
- 2018 में औसत: 55.08
- 2019 में औसत: 68.00
इस दौरान उन्होंने 35 टेस्ट में 3596 रन बनाए, जिसमें 14 शतक और 8 अर्धशतक शामिल हैं।
क्या कोहली अब सिर्फ वनडे तक सीमित रहेंगे?
विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों को BCCI की A+ श्रेणी में रखा गया है – यह श्रेणी उन्हीं खिलाड़ियों को मिलती है जो तीनों प्रारूपों में खेलते हैं। लेकिन दोनों पहले ही T20I से संन्यास ले चुके हैं। अब अगर कोहली टेस्ट से भी संन्यास ले लेते हैं, तो वे सिर्फ वनडे में ही भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यह बदलाव उस पीढ़ी की विदाई जैसा है जिसने भारत को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। हालांकि यह भी तय है कि उनके जैसे खिलाड़ी का योगदान केवल मैदान तक सीमित नहीं रहेगा – वे आगे जाकर टीम के मेंटर या किसी और भूमिका में नजर आ सकते हैं।
निष्कर्ष: विरासत के अंत की शुरुआत?
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के अंत जैसा होगा। जहां उनकी बल्लेबाजी, नेतृत्व और जुनून ने टेस्ट क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, वहीं यह निर्णय एक नई पीढ़ी के लिए जिम्मेदारी लेने का संकेत है।
हालांकि उनका फैसला अभी अंतिम नहीं है, लेकिन यदि वे वास्तव में इंग्लैंड दौरे के बाद विदा लेते हैं, तो यह एक भावुक क्षण होगा – उनके प्रशंसकों, टीम और भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए।