भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज का दिन एक भावनात्मक अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है क्योंकि Virat Kohli’s retirement ने उन लाखों प्रशंसकों की आंखें नम कर दी हैं जिन्होंने उन्हें 14 वर्षों तक सफेद जर्सी में क्रिकेट के उच्चतम स्तर पर जूझते देखा। 123 टेस्ट मैचों में 9230 रनों के साथ कोहली ने जिस शिखर को छुआ, वह केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि जुनून, आक्रामकता और नेतृत्व की प्रतिमूर्ति के रूप में दर्ज रहेगा। Virat Kohli’s retirement न केवल एक खिलाड़ी का संन्यास है, बल्कि एक पूरे युग की विदाई है जिसे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा के रूप में देखेंगी I
Virat Kohli’s retirement: टेस्ट करियर के आंकड़े जो गवाही देते हैं उनकी महानता को
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के साथ समाप्त हुए उनके टेस्ट करियर में उन्होंने 210 पारियों में 46.85 की औसत से रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर रहा 254*। उन्होंने कुल 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े, जिसमें 15 बार वह शून्य पर भी आउट हुए। 1027 चौके और 30 छक्कों के साथ उन्होंने 16608 गेंदों का सामना किया। यह सभी आंकड़े बताते हैं कि कोहली ने हर परिस्थिति में, हर विरोधी के खिलाफ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और Virat Kohli’s retirement के पीछे सिर्फ उम्र नहीं, बल्कि परिपक्वता और समय की पहचान है I

Virat Kohli’s retirement: हर टीम के खिलाफ अद्वितीय योगदान
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 30 टेस्ट में 2232 रन बनाए, जिसमें 9 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 28 टेस्ट में 1991 रन बनाए, जिनमें उनका यादगार 149 रन शामिल है। दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 1408 रन, श्रीलंका के खिलाफ 1085 रन, वेस्ट इंडीज़ के विरुद्ध 1019 और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 959 रन उनके बल्ले से निकले। हर टीम के खिलाफ उनके पास दोहरा शतक या बड़ी पारी रही है जो दर्शाता है कि Virat Kohli’s retirement से पहले उन्होंने सभी प्रमुख टीमों के खिलाफ छाप छोड़ी
Virat Kohli’s retirement: घर और विदेश में विराट की चमक
Virat Kohli’s retirement पर गौर करें तो पता चलता है कि उन्होंने घर और विदेश दोनों जगह समान रूप से शानदार प्रदर्शन किया। भारत में उन्होंने 55 मैचों में 4336 रन बनाए जबकि विदेश में 66 टेस्ट में 4774 रन। उनका घरेलू औसत 55.58 रहा जबकि विदेशी धरती पर भी उन्होंने 41.51 की औसत से रन बनाए। इंग्लैंड में 1096 रन, ऑस्ट्रेलिया में 1542 रन और दक्षिण अफ्रीका में 891 रन के साथ उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी खुद को साबित किया
Virat Kohli’s retirement: 2016-2019 – करियर का स्वर्ण युग
इस दौरान कोहली ने 43 टेस्ट मैचों में 66.79 की औसत से 4208 रन बनाए। इस अवधि में उन्होंने 16 शतक, 7 दोहरे शतक और 10 अर्धशतक जमाए। यही वह समय था जब वे टेस्ट क्रिकेट के निर्विवाद बादशाह बन गए थे। उनके द्वारा बनाए गए सात दोहरे शतक किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा सबसे ज्यादा हैं और यही वह दौर है जब Virat Kohli’s retirement की कल्पना करना भी असंभव लगता था

Virat Kohli’s retirement: कप्तानी में विराट – आक्रामकता और आत्मविश्वास का प्रतीक
2014 से 2022 तक कोहली ने भारत की टेस्ट टीम की कप्तानी की और 68 मैचों में से 40 में जीत दिलाई। यह किसी भी भारतीय कप्तान के लिए रिकॉर्ड है। उनके नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया, इंग्लैंड में शानदार प्रदर्शन किया और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। Virat Kohli’s retirement के बाद कप्तान के रूप में उनकी आक्रामक शैली और टीम को फिटनेस और अनुशासन की ओर ले जाना हमेशा याद रखा जाएगा
Virat Kohli’s retirement: अंतिम वर्षों में चुनौतियां लेकिन जुझारूपन बरकरार
2020 के बाद कोहली के प्रदर्शन में गिरावट आई और उन्होंने 39 टेस्ट में केवल 2028 रन बनाए, लेकिन 2023 में उन्होंने वापसी करते हुए 671 रन बनाए जिसमें दो शतक शामिल थे। 2024 में उन्होंने 417 रन बनाए और अपने अंतिम टेस्ट में 17 रन बनाकर विदाई ली। Virat Kohli’s retirementइसलिए और भी खास है क्योंकि उन्होंने अंतिम वर्षों में भी खुद को साबित करने की कोशिश की और लड़ते हुए क्रिकेट को अलविदा कहा
Virat Kohli’s retirement: बीसीसीआई, आईसीसी और दिग्गजों की भावनात्मक प्रतिक्रिया
Virat Kohli’s retirement पर बीसीसीआई ने लिखा, “एक युग का अंत लेकिन विरासत जीवित रहेगी।” वहीं आईसीसी ने ट्वीट किया, “Whites off, crown intact.” सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, गौतम गंभीर और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों ने भी उनकी यात्रा को सलाम किया। यह प्रतिक्रियाएं दिखाती हैं कि Virat Kohli’s retirement ने केवल आंकड़ों का अध्याय नहीं बंद किया, बल्कि भावनाओं का भी विस्फोट किया है
Virat Kohli’s retirement: बैटिंग पोजिशन और पारी में निरंतरता
विराट ने टेस्ट करियर का अधिकांश समय नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी की, जहां उन्होंने 98 मैचों में 160 पारियों में 7564 रन बनाए। यह किसी भी भारतीय बल्लेबाज के लिए इस क्रम पर असाधारण योगदान है। उनके बल्लेबाज़ी औसत और स्ट्राइक रेट ने बार-बार साबित किया कि Virat Kohli’s retirement केवल आंकड़ों की समाप्ति नहीं, बल्कि भारतीय मिडिल ऑर्डर की रीढ़ के विदा होने जैसा है
Virat Kohli’s retirement: हर मैच स्थिति में विराट की स्थिरता
चाहे टीम पहले बल्लेबाजी करे या बाद में, विराट ने दोनों परिस्थितियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 4991 रन बनाए और फील्डिंग के बाद बल्लेबाज़ी करते हुए 4239 रन। जीत वाले मैचों में उनका औसत 51.58 और हारे हुए मैचों में भी 32.60 का औसत रहा। Virat Kohli’s retirement यह दिखाता है कि वे केवल जीत के ही नहीं, मुश्किल परिस्थितियों में टीम के स्तंभ रहे
Virat Kohli’s retirement: खास टूर्नामेंटों और फाइनल्स में प्रभाव
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उन्होंने 29 मैचों में 2169 रन बनाए और ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 2617 रन। फाइनल्स में भले ही उनके आंकड़े कुछ सीमित रहे, लेकिन उनके नेतृत्व और बल्लेबाज़ी ने भारत को वहां तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। Virat Kohli’s retirement ऐसे समय आया है जब भारत अगली पीढ़ी को तैयार कर रहा है और विराट की मौजूदगी में जो सीख मिली, वह हमेशा साथ रहेगी
Virat Kohli’s retirement: भावुक संदेश जिसने दिल छू लिया
अपने इंस्टाग्राम पर कोहली ने लिखा, “14 साल की इस यात्रा ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। यह आसान नहीं है लेकिन सही लगता है। मैं आभार के साथ विदा ले रहा हूं।” यह शब्द केवल अलविदा नहीं थे, बल्कि एक योद्धा का आखिरी प्रणाम था। Virat Kohli’s retirement क्रिकेट के मैदान से एक किंवदंती की विदाई है, लेकिन लाखों दिलों में उनकी छवि हमेशा जीवित रहेगी
निष्कर्ष: Virat Kohli’s retirement के बाद भी कायम रहेगी उनकी प्रेरणा
Virat Kohli’s retirement भारतीय क्रिकेट के लिए एक संधिकाल है, जहां एक युग समाप्त हो रहा है लेकिन दूसरी पीढ़ी को आगे बढ़ने की सीख मिल रही है। उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन, फिटनेस, आक्रामकता और ज़िद—इन सभी ने उन्हें सिर्फ एक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बनाया। आने वाले सालों में जब कोई युवा खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को अपनाएगा, तो वह कहीं न कहीं विराट को आदर्श मानेगा। यही उनकी सबसे बड़ी जीत है
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